भारत में पहला राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय

भारत में पहला राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की आधारशिला गुजरात के आणंद में रखी गई है। इस विश्वविद्यालय का नाम त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय (TSU) है।

त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय (TSU) के बारे में

  • नामकरण: इस विश्वविद्यालय का नाम भारत में सहकारी आंदोलन के प्रमुखों में से एक त्रिभुवनदास किशिभाई पटेल के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने अमूल की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • उद्देश्य: TSU का मुख्य उद्देश्य सहकारी क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए पेशेवर और प्रशिक्षित श्रमशक्ति तैयार करना है। यह सहकारी प्रबंधन, वित्त, कानून और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में विशेष शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के अवसर प्रदान करेगा।
  • लागत और क्षेत्रफल: यह विश्वविद्यालय 500 करोड़ रुपये की लागत से 125 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा।
  • स्थापना: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 5 जुलाई, 2025 को इसकी आधारशिला रखी।
  • महत्व: यह विश्वविद्यालय सहकारी क्षेत्र में भाई-भतीजावाद को खत्म कर पारदर्शिता लाएगा और केवल प्रशिक्षित लोगों को ही रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। साथ ही, यह अनुसंधान और विकास को भी बढ़ावा देगा, जिससे सहकारी आंदोलन को मजबूती मिलेगी।


Latest Current Affairs

...
एयर मार्शल एस शिवकुमार को एयर ऑफिसर-इन-चार्ज एडमिनिस्ट्रेशन नियुक्त
...
पीएम मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार मिला
...
सुधांशु मित्तल को भारतीय खो-खो महासंघ का अध्यक्ष पुनः चुना गया
...
Air Marshal S Shivakumar appointed as Air Officer-in-Charge Administration
...
First National Cooperative University in India
...
PM Modi receives highest civilian award of Trinidad and Tobago
...
Sudhanshu Mittal re-elected as President of the Indian Kho-Kho Federation
...
प्रधानमंत्री मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
...
विश्व यूएफओ दिवस 2025
...
पहला खेलो इंडिया जल खेल महोत्सव